पहले आम चुनाव से लेकर 16वीं यानी मौजूदा लोकसभा तक संसद सदस्यों के प्रोफेशन को लेकर रोचक ट्रेंड देखने को मिला है। पहले जहां संसद में चुनकर पहुंचने वालों में सबसे ज्यादा वकील होते थे, वहीं यह स्थान अब राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ता और किसान सांसदों ने हासिल कर लिया है। पहली लोकसभा में वकील सांसदों की संख्या सबसे ज्यादा 153 थी। अब यह सिर्फ 10 है। इसमें वे ही लोग शामिल हैं, जिन्होंने अपना पेशा वकालत बताया है। मौजूदा लोकसभा में पहले नंबर पर वे सांसद हैं, जिन्होंने खुद को सोशल वर्कर बताया है। किसान सांसद दूसरे नंबर पर है।
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