कल शाम गोपालदास नीरज जी की श्रद्धांजलि सभा से लौटते हुए हाजी साथ थे। नीरज जी की बड़ी याद आएगी! एक ‘तर्पण’ इनका भी बनता है तुम्हारी तरफ से। अनमने भाव से मैंने सिर्फ इतना कहा, इसमें भी कोई कहने वाली बात है। संभवतः हाजी मेरी मनःस्थिति भांप गए थे, सो बात को दूसरी तरफ़ ले गए, ये देखकर अच्छा लगा महाकवि, कि टेलीविज़न चैनलों ने नीरज जी पर ख़ूब चर्चा की, जबकि अविश्वास प्रस्ताव की ज़बर्दस्त खींच-तान चल रही थी। मैंने कहा, ये तो ज़रूरी था।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Today's Top Hindi News Headlines From India and World - Dainik Bhaskar https://ift.tt/2mCvLBa
via IFTTT