ई-कॉमर्स कंपनियों को टैक्स ऑडिट का सामना करना पड़ सकता है। नेशनल एंटी प्रॉफिटीयरिंग अथॉरिटी (एनएपीए) ने डीजी, ऑडिट को जांच के निर्देश दिए हैं। इसका मकसद ये पता लगाना है कि कंपनियां जीएसटी दरें घटाने का फायदा ग्राहकों को दे रही हैं या नहीं। पिछले साल नवंबर में जीएसटी काउंसिल ने चॉकलेट, टूथपेस्ट, वॉशिंग पाउडर और शेविंग क्रीम जैसी घरेलू जरुरत की वस्तुओं पर टैक्स कम किया। इन पर 28% की बजाय 18% जीएसटी लागू किया था। टैक्स एक्सपर्ट का कहना है कि ई-कॉमर्स कंपनियों को उपभोक्ताओं से लिया गया ज्यादा टैक्स जल्द से जल्द लौटाना चाहिए।
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