1958 में इम्पीरियल बैंक ऑफ कनाडा की ओटावा ब्रांच से उसके चीफ टेलर ने 2.60 लाख डॉलर (करीब 1 करोड़ 80 लाख रुपए) चोरी कर लिए। वारदात के बाद वह अमेरिका भाग गया, लेकिन कुछ दिन बाद वहां की पुलिस ने उसे पकड़ लिया। 60 साल बाद वह कनाडा लौटा तो उसे बैंक की जगह रेस्त्रां खुलने की जानकारी मिली। वहां दोस्तों के साथ पहुंचकर जमकर पार्टी की। उसकी कहानी सुनने के बाद रेस्त्रां में उसका वॉन्टेड वाला पोस्टर लगा दिया गया। ताकि लोग एक गलत रास्ते पर चलने के नतीजे जानें और सबक लें।
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