सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर (बिहार) और देवरिया (यूपी) के शेल्टर होम में बच्चों से यौन उत्पीड़न के मामलों पर मंगलवार को चिंता जाहिर की। साथ ही, केंद्र सरकार से पूछा कि इस तरह के मामलों में शामिल 1575 नाबालिगों को लेकर क्या कदम उठाया गया? सर्वोच्च न्यायालय ने यह सवाल तब किया, जब सरकार बाल सुरक्षा नीति बनाने पर विचार कर रही है। नीति बनाने का फैसला महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय के 2015 से मार्च 2017 तक किए सोशल ऑडिट के बाद किया गया। ऑडिट में शेल्टर होम में रहने वाले बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न की बात सामने आई थी।
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